डेर स्पाइगल के मुताबिक 34 साल की मायोर्गा ने कथित घटना के कुछ देर बाद ही लॉस वेगस के पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट भी दर्ज करवाई थी.
अगले
ही साल कथित और पर उन्होंने रोनाल्डो के साथ अदालत के बाहर समझौता कर लिया
था जिसमें उन्हें 375,000 डॉलर मिले थे. इस समझौते के तहत उन्हें इन
आरोपों के बारे में कभी बात नहीं करनी थी.
मायोर्गा के वकील अब उस नॉन-डिस्क्लॉसर एग्रीमेंट को रद्द करने की मांग कर रहे हैं.
लॉस
वेगास की पुलिस ने बीते मंगलवार (2 अक्टूबर) को पुष्टि की कि उन्होंने साल
2009 के जून महीने में एक शिकायत की जांच की थी लेकिन इसमें कोई संदिग्ध
व्यक्ति नहीं था.
बयान में कहा गया है, ''रिपोर्ट लिखवाते समय पीड़िता ने पुलिस को घटनास्थल या संदिग्ध के के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी.''
पुलिस के मुताबिक सितंबर 2018 में इस मामले की जांच फिर से शुरू की गई है.
इससे पहले रोनाल्डो के वकीलों ने कहा था कि वो डेर स्पाइगल पत्रिका पर इस मामलों पर ख़बर करने के लिए मुक़दमा करेंगे.
कनाडा की डोना स्ट्रिकलैंड यह अवॉर्ड जीतने वाली तीसरी महिला हैं. उनसे पहले मैरी क्यूरी को 1903 और मारिया गोपर्ट-मेयर ने 1963 में भौतिकी का
नोबेल जीता था. कुछ ऐसी महिलाएं हैं जो अपनी कामयाबी और प्रभाव के कारण जानी जाती हैं.
इनका प्रभाव वक़्त के साथ कम नहीं हुआ बल्कि काफी असरदार रहा.
हम
यहां उन पांच महिलाओं की बात कर रहे हैं जिनका विज्ञान से प्यार शोध और
प्रयोग तक ही सीमित नहीं रहा. इनका उत्साह इन्हें नेतृत्व की भूमिका और
निर्णय करने की क्षमता तक में स्थापित किया.
विज्ञान की दुनिया में
ये सबसे अहम संस्थानों का नेतृत्व कर रही हैं. ये महिलाएं इस तथ्य का जीवंत
उदाहरण हैं कि विज्ञान भी रणनीति, सहयोग और संवाद का नतीजा है. आप भी
जानें विज्ञान की दुनिया की इन पांच ताक़तवर महिलाओं के बारे में- में ब्रिटेन के अख़बार द गर्डियन ने इटली की भौतिक विज्ञानी फाबिओला
जानोती को 'ब्रह्मांड के रहस्यों की कुंजी वाली महिला' करार दिया था.
फाबिओला
ने 2016 में स्विटज़रलैंड स्थित दुनिया के अहम विज्ञान केंद्र यूरोपियन
ऑर्गेनाइजेशन फोर न्यूक्लियर रिसर्च में पार्टिकल फिजिक्स की अगुवाई की.
1994
से फाबिओला इस सेंटर में एक अहम भौतिक विज्ञानी खोजकर्ता थीं. 2009 से 2013 तक लार्ज हैड्रन कोलाइडर में एटलस के लिए प्रवक्ता रहीं. इन्होंने इस
बात को दुनिया के सामने रखा कि प्रकृति में व्यापक पैमाने पर पार्टिकल
क्यों हैं.
क्रिस्टिना से जब बीबीसी मुंडो ने पूछा कि उन्हें विज्ञान से प्रेम कैसे हुआ तो उन्होंने कहा कि प्रकृति उनका पहला घर रहा है.
क्रिस्टिना
ने कहा कि प्रकृति उनका अब भी पहला घर है. क्रिस्टिना एन्थ्रोपॉलोजिस्ट
हैं और वह कोस्टा रिका के तीन बार राष्ट्रपति रहे जोसे फिगेरस फेरर की बेटी
हैं.
क्रिस्टिना 2012 और 2016 के बीच संयुक्त राष्ट्र संघ में फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज की कार्यकारी सचिव रहीं.
क्रिस्टिना
ने 2010 में कानकुन, 2011 में डर्बन, 2013 में वार्सा और 2014 में लिमा के
जलवायु परिवर्तन कॉन्फ्रेंस की अगुवाई की थी. पेरिस में 2015 के ऐतिहासिक
जलवायु समझौते में क्रिस्टिना की अहम भूमिका रही थी.
अपने योगदान के कारण किरण मजूमदार-शॉ विज्ञान की दुनिया में पहचान के लिए मोहताज नहीं हैं.
2010 में अमरीका की महत्वपूर्ण पत्रिका टाइम ने वर्षिक रैंकिंग 'टाइम 100' में हमारी दुनिया की 100 प्रभावशाली लोगों में जगह दी थी.
बायोटेक्नोलॉजी में अपने योगदान के कारण उन्हें हीरो की कैटिगरी में जगह दी गई थी. 2014
में फ्यूचर मैगज़ीन में किरण को एशिया-पसीफिक में सबसे प्रभावशाली महिला
करार दिया था.
किरण का जन्म भारत में हुआ था. वह बायोकॉन की संस्थापक और अध्यक्ष हैं. यह कंपनी बायोटेक्नॉलजी के क्षेत्र में शोध करती है.
अमरीकी मैगज़ीन फोर्ब्स ने दुनिया की 100 शक्तिशाली महिलाओं में गोयन को
76वें पायदान पर रखा था. इस लिस्ट में कंस्ट्रक्शन और इंजीनियरिंग के
क्षेत्र में वह एकमात्र महिला थीं.
गोयन की विशेषज्ञता अप्लाइड
मैथ्स में भी है. वह स्पेसएक्स की अध्यक्ष हैं. यह कंपनी स्पेस तकनीक पर
काम करती है. इस कंपनी का जोर ख़ासकर स्पेस ट्रांसपोर्ट में खर्च को कम
करना है.
चीनी फिजिशन मारग्राटा चान ने रोगाणुरोधक को लेकर काम किया है.
चान ने गानरीअ जैसी बीमारियों को लेकर सतर्क किया था. वह विश्व स्वास्थ संगठन की महानिदेशक भी रही हैं.
चान सांस संबंधी बीमारियों और बर्ड फ्लू की विशेषज्ञ हैं. चान ने महिलाओं और बच्चों की सेहत को लेकर काफी काम किया है.
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